Introduction to Google Ads
यहाँ हम आपको google ads के बारे मे विस्तार से जानकारी देंगे। यह जानकारी एक पोस्ट मे नहीं दी जा सकती क्योकि गूगल ads अपने आप मे बहुत बड़ी चीज है जिसकी जानकारी आपको लेने के लिए काफी ज्यादा पोस्ट पढ़नी होगी। जो की यहाँ हम उपलब्ध कराएंगे। हमारी इस वैबसाइट को आप bookmark जरूर कर ले क्योकि हम आपको यहाँ google से संबन्धित सभी जानकारी हिन्दी मे उपलब्ध कराएंगे।यहाँ दी गई हर एक पोस्ट एक दूसरे से लिंक होगी। मतलब आपको एक तरफ से ये पोस्ट की series पढ़नी होगी। जिससे आपको अच्छे से समझ मे आ जाए।
दोस्तो google Ads जिसको आज भी बहुत से लोग google Adwords के नाम से जानते है। सन 2018 मे बहुत सारे बदलाव किए गए थे google Adwords मे, उसी मे से एक बदलाव था इसके नाम का भी जहां google adwords को बदलकर google ads कर दिया गया। तो यह google ads है और हम बात कर रहे है। गूगल ads की यदि कोई आपसे google adwords की बात कर रहा है तो वह पूरने नाम का उपयोग कर रहा है तो आपको यहाँ पर समझ जाना है।
Google Adwords कब लॉंच हुआ था।
Google Adwords अक्टूबर 2000 मे लॉंच किया गया था। आज लगभग 21 साल हो गए और आज हम इसकी पावर को समझ रहे है। आप सोच सकते है न गूगल जैसी कंपनी ने कितनी आसानी से और कितने अच्छे तरीके से भविष्य को देखते हुए कितना पावरफुल प्लेटफॉर्म उसी वक्त develop कर दिया था।SEO करे या google Ads के प्लेटफॉर्म मे जाए?
ये बड़ा अजीब सा question है जो लोग पूछते है। की हमे SEO करना चाहिए या गूगल ads के द्वारा अपने प्रॉडक्ट या सर्विसेस को बढ़ाना चाहिए। क्योकि लोगो को लगता है की डिजिटल मार्केटिंग का मतलब SEO है और google ads है वो ये नहीं समझते है की ये दोनों चीजें महत्वपूर्ण है और इनका अलग अलग उपयोग है। दोनों ही चीजें जरूरी है डिजिटल मार्केटिंग के लिए।SEO एक long term प्रोसैस है। मतलब आप बड़ी जल्दी से search engine optimization नहीं कर सकते। इसमे कुछ टाइम लगता है। यह एक या दो दिन का काम नहीं होता है इसमे महीनो लगते है। और जितना टाइम SEO मे लगता है। उतना ही बेहतरीन इसका रिज़ल्ट भी होता है। और इसके फायदे भी आपको लंबे समय तक मिलते है। आपकी वैबसाइट भी लंबे समय तक रैंक करती है। SEO मे जो ट्राफिक आता है वो organic होता है मतलब यहाँ पर हमे कोई भी पैसा नहीं खर्च करने होते है।
अगर हम google ads की बात करे तो हम google ads का तब उपयोग करना चाहिए जब हमे तुरंत रिज़ल्ट चाहिए हो। जैसे अगर आपकी कोई e-commerce की वैबसाइट है। और उस e-commerce की वैबसाइट मे अगर आपको sells लानी है। तो अगर आप SEO करेंगे तो आपको चार पाँच महीने तो लग ही जाएंगे। अगर competitive keyword है तो आपको अधिक SEO मे अधिक मेहनत करनी होगी। अपने वैबसाइट को रैंक करने मे। Sells अगर आप चाहते है। SEO के द्वारा तो थोड़ा मुश्किल हो जाएगा क्योकि यहाँ पर टाइम लगता है थोड़ा सा। पर अगर आपको जल्दी sells चाहिए तो आपके पास दूसरा प्लेटफॉर्म है Google Ads.
Google Ads क्या है?
Introduction to Google Ads – अब बात करते है google ads के बारे मे की गूगल ads क्या है। google ads एक platform है। या हम इसको और आसान शब्दो मे कह सकते है। ये एक मीडियम है एक ब्रिज के तरीके से काम काम करता है। पर किसके किसके बीच का अगर मान ले हम की दो चीजें है।यहाँ पर बहुत ही आसान शब्दो मे आप समझ सकते है की आप google ads का उपयोग करके google के प्रोपर्टीस का पूरा पूरा फायदा उठा सकते है। यहाँ पर हम बात करे तो google की प्रॉपर्टीस मतलब जैसे गूगल का सर्च इंजिन यहाँ पर ads दिखने के लिए हमे किसी और की नहीं google की परमिसन लेनी पड़ेगी। और जैसे android का platform अगर आप अपनी application मे ads दिखाना चाहते है। तो आप गूगल ads का उपयोग करके ads दिखा सकते है।
Banner Ads
कई बार आपने ऐसा भी देखा होगा की आप जब किसी वैबसाइट पर जाते है तो आपको वहाँ पर बैनर ads दिखते होंगे। जो वैबसाइट के टॉप पर या साइड मे दिखते होंगे। तो क्या वो वैबसाइट गूगल की वैबसाइट है नहीं वो वैबसाइट तो गूगल की नहीं है। उसका ओनर तो कोई और भी हो सकता है। तो फिर किस तरीके से आपका ads या किसी भी पर्सन का ads google ads के थ्रो अन्य वैबसाइट पर दिखता है। क्योकि वो तो दूसरी वैबसाइट है यानि की गूगल की पार्टनर वैबसाइट है।अब बात करते है की google की पार्टनर वैबसाइट बनी कैसे – एक नॉर्मल वैबसाइट गूगल की पार्टनर वैबसाइट कैसे बनी? जिस तरीके से एक platform गूगल ads का है। उसी तरीके से उसका पैरलल एक दुसरा platform है, google Adsense.
Google Adsense क्या करता है अगर आपको अपना ads बनाना है। तो आप कौन सा प्लैटफ़ार्म लेंगे google Ads पर अगर आपके पास कोई प्रॉपर्टीस है जैसे वैबसाइट और आप चाहते हो की उसके ऊपर दूसरे लोग ads लगाए तो आपको adsense की तरफ जाना पड़ेगा। जिस तरीके से google ads एक platform है उसी तरीके से google Adsense भी एक platform है।
Products and Services Ads
अब तो आप समझ ही गए होंगे की google ads के द्वारा हम अपने प्रॉडक्ट और सर्विसेस का विज्ञापन दे सकते है। गूगल Adsense के द्वारा अपनी वैबसाइट मे किसी और को अपना विज्ञापन दिखाने के लिए permission देते है।मतलब जो वैबसाइट का ओनर है मतलब जिसकी वैबसाइट है वो google Adsense के पास जाता है और उससे कहता है की देखो हमारे पास इतना इतना ट्राफिक है हमारे पास बहुत से Visitors आते है। आप चाहो तो अपना ads हमारी वैबसाइट पर लगा लो। पर यहाँ अपना ads क्या है google के पास अपना खुद का ads तो नहीं है। तो वो क्या करता है जो आपने या किसी और ने अपना ads, प्रॉडक्ट या सर्विसेस का google ads के प्लैटफ़ार्म मे जो ads बनाए।
उसको google अपनी प्रॉपर्टीस पर भी दिखाता है। इन लोगो की प्रॉपर्टीस पर भी दिखाता है। जिन्होने अपने ऊपर Adsense को approve करा लिया है। एक certain eligibility के बेसिस पर। की हमारे पास अच्छा खासा ट्राफिक आता है। हम भी eligible है आप हमे भी ads दो।
About Google Ads
यहाँ पर हम google ads की बात करेंगे। यहाँ पर प्रॉपर्टीस तो बहुत सारी है। जैसा मैंने बताया google search engine तो यहाँ पर जो हम ads बनाएँगे google search engine specific वो हमारा कहलाएगा, search ads. YouTube specific ads जो हम बनाएँगे वो कहलाएंगे विडियो ads.उसी तरीके से Adsense पार्टनर प्रोग्राम से जो लोग जुड़े होंगे। यानि की वो वैबसाइट जिस पर हम बैनर ads लगाना चाहते है। वो अगर हम करेंगे तो हम उसे बताएँगे display ads. उसी तरीके से हमे google के search engine मे टॉप मे जो ads दिखते है। जैसे की अगर जब हम कोई चीज गूगल पर सर्च करते है।
जैसे की शॉपिंग बैग तो जो google के सर्च रिज़ल्ट मे organic सर्च के अलावा टॉप पर जो ads होता है। वो हो गए हमारे shopping ads. जो हम google ads platform के throw क्रिएट करते है। तो बहुत लंबे topics है की पहले तो एक तरीके के ads को समझना की सर्च इंजिन मे जो ads चलता है। जो सर्च ads होता है वो क्या होता है। और किस तरीके से हम उसको बनाते है। यानि की किस तरीके से हम उसे optimize कर सकते है।
ये पूरा मकैनिज़्म टेक्निकली किस तरीके से काम करता है किस तरीके से हम पैसे लगते है बिडिंग कराते है। हमारे competitor का इसमे क्या रोल है। वो भी तो अपनी बिडिंग लगता है। तो इन सारी चीजों आने वाली पोस्ट मे एक एक करके समझेंगे और जानेंगे। बहुत गहराई से हम लोग इस टॉपिक पर बात करेंगे। इसलिए आप हमारी वैबसाइट को bookmark जरूर कर लीजिएगा।
- SEO क्या है?
- गूगल ads प्लैटफ़ार्म क्या है?
- गूगल क्या है?
- गूगल के पार्टनर कौन है?
- Adsense क्या है?
- हम अपना ads कहा बनाते है?
Facts related to Google Ads
लगभग 64.6 % लोग ऐसे है जो कोई भी आइटम ऑनलाइन सर्च कर रहे होते है तो उनके chances होते है की वो उसके google ads पर क्लिक करे। यहाँ से हमे यह पता चलता है की google ads की opportunity ज्यादा है। लगभग 89% ट्राफिक जो गूगल ads के थ्रो आता है।Paid Platform
But google ads एक पैड प्लैटफ़ार्म है तो कही न कही हम सोचते है की हमारा इनवेस्टमेंट और रिटर्न कितना होगा। गूगल ads से कितना मिलता है। पर ये इस बात पर निर्भर करता है की आप किस तरीके से उस ads को लगा रहे है। अगर आप अपना ads सही keyword पर और सही तरीके से लगा रहे है तो आपको कितना रिटर्न मिलता है और कितना इन्वेस्ट करने पर google ads के द्वारा?google ब्लॉग के हिसाब से जब आप 1$ इन्वेस्ट करते है तो लगभग 2$ आपको रिटर्न मिलता है। लगभग दोगुना। अब यहाँ पर बात आई है पेमेंट की जैसा की मैंने बताया की google ads पैड प्लैटफ़ार्म है। अगर आप google ads के थ्रो ads लगाना चाहते है तो आपको कुछ पैसा खर्च करना होगा।
सिम्पल सा हम देख लेते है की google ads किन मॉडेल्स पर काम करता है की किस तरीके से वो पेमेंट लेगा। भाई इसका भी तो कोई कैलक्युलेशन होना चाहिए। की भाई मैं आपके 5 ads दिखाऊँगा तो पैसे लूँगा, की सुबह ads दिखाऊँगा तो मैं पैसे लूँगा। या वो एक मिडिएटर की तरह काम कर रहा है।
तो वो commission पर काम कर रहा है। सिस्टम क्या है। तो बेसिकली दो मॉडेल्स है जिस पर google ads ऑपरेट करता है।
- PPC Model – Pay Per Click
- PPM Model – Pay Per Thousand
Pay Per Click
PPC Model जिसको हम Pay Per Click बोलते है और यही इसकी USP है। अगर हम कहे जो भी ऑनलाइन मार्केटिंग है जो भी ads है चाहे वो Facebook के हो या google के या YouTube के इनकी USP क्या है इनकी USP यही है की ये Pay Per Click है।अगर आपके ads का केवल impression हो रहा है। google के search engine मे इस केस मे आपको कोई पैसा नहीं देना है। जब तक आपके ads पर कोई क्लिक नहीं होगा। तब तक आपका पैसा नहीं लगेगा। इन सब चीजों को हम डीटेल से देखेंगे। अभी मैन मॉडेल्स की बात करे तो दो मॉडेल्स है जिस पर google ads काम करता है।
Pay Per Thousand
PPM Model जिसको हम Pay Per Thousand बोलते है। अगर क्लिक की बात नहीं कर रहे और हम चाहते है। केवल अपना ads दिखाना यानि ब्रांडिंग करना की लोग हमारी कंपनी या प्रॉडक्ट को जाने। हमे क्लिक की जरूरत ही नहीं। हम चाहते है की केवल हमारा ads दिखे लोगो को। तो क्या आपका ads क्या फ्री मे google दिखाता रहेगा। तो इसके लिए google ने दूसरा model बना रखा है।अभी के लिए बस इतना ही हमे उम्मीद है की आपको “Introduction to Google Ads in Hindi Google Ads Course Part -1 गूगल विज्ञापन” यह पोस्ट पसंद आई होगी। और अधिक जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहे और हमारी वैबसाइट को bookmark कर ले। आगे आने वाली पोस्ट जरूर पढ़ें। Thanks….
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